History of don bradman in hindi
Don Bradman: क्रिकेट का वो भीष्म, जिसके रिकॉर्ड तोड़ना तो दूर आज तक कोई उनके पास नहीं फटक पाया
वो अपने घर पर घंटों अकेले एक खेल खेला करते थे. ये खेल था एक छोटी सी गोल्फ गेंद को एक स्टंप के सहारे मारते रहना. वो गेंद को स्टंप से मारते और गेंद सामने की दीवार से टकरा कर वापस लौट आती. सुनने या देखने में ये आसान लगता है मगर पतले से स्टंप द्वारा घंटों तक लगातार छोटी सी गोल्फ गेंद को हिट करना उतना ही मुश्किल है, जितना आंख पर पट्टी बांध कर सही निशाना लगाना.
ऐसा करते हुए वो सोचते थे कि वो क्रिकेट ग्राउंड में किसी मैच के बीच बैटिंग कर रहे हैं और सामने ऐसा बॉलर है, जो ना जाने कब कैसी और कितनी स्पीड से बोल डाल दे. दीवार से वो छोटी गेंद भी ऐसे ही स्पीड से लौटती थी. इससे उनकी बल्लेबाज़ी में निखार आता था.
Ambroise lepine history booksजानते हैं ये क्रिकेट खिलाड़ी कौन थे? ये थे सर डोनाल्ड ब्रेडमैन. जिन्हें लोग दा डॉन, दा बॉय फ्रॉम बोवरल, ब्रेडल्स और दावाइट हेडली के नाम से जानते हैं. जिस तरह से उन्होंने क्रिकेट जगत पर अपना दबदबा कायम रखा, उस आधार पर उन्हें क्रिकेट का 'भीष्म पितामाह' कहना कतई ग़लत नहीं होगा.
जब मात्र 22 गेंदों में ब्रेडमैन ने जड़ दिया था शतक
जो लोग क्रिकेट में थोड़ी भी रुचि रखते हैं उनसे ये सवाल पूछना किसी मज़ाक से कम नहीं होगा कि 'क्या आप डॉन ब्रेडमैन को जानते हैं?
भले उनके बारे में कुछ लोग हों जो ज़्यादा ना जानते हों लेकिन शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने उनका नाम नहीं सुना हो. सर ब्रेडमैन का जन्म 27 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया के साउथ वेल्स में हुआ था मगर उनका बचपन बीता बोवरल में इसीलिए उन्हें बॉय फ्रॉम बोवरल कहा जाता था.
उन्होंने में अपना क्रिकेट करियर शुरू किया और में अपनी आख़िरी पारी खेली. 16 दिसंबर को 19 साल के डॉन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपना पहला मैच खेला था.
कौन जानता था कि अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच की पहली पारी में 18 और दूसरी में मात्र 1 रन बनाने वाला खिलाड़ी अपने क्रिकेट करियर में ऐसे ऐसे रिकॉर्ड बनाएगा जिन्हें तोड़ना लोहे के चने चबाने जैसा होगा. जी हां इनके बनाए कई रिकार्ड आज तक नहीं टूटे.
डॉन ने मात्र तीन ओवर की 22 गेंदों में शतक जड़ दिया था. अब आप सोचेंगे कि 3 ओवर में तो 18 ही गेंदें होती हैं, लेकिन जान लीजिए कि तब एक ओवर 8 गेंदों का होता था.
ये में खेला गया एक घरेलू मैच था, जहां मुकाबला था ब्लैकहीथ इलेवन और लिथगो इलेवन के बीच. ब्लैकहीथ की तरफ से ब्रेडमैन और ऑस्कर बेल बल्लेबाजी करने उतरे. ब्रेडमैन गेंदबाजों के लिए सच में किसी डॉन से कम नहीं थे.
आउट करना तो दूर की बात, गेंदबाज़ तो ये सोचता था कि उसे रन ना पड़ें बस. ये वो दौर था जब ब्रेडमैन की फॉर्म और हौसला दोनों बुलंदियों पर थे.
ब्रेडमैन ने इस मैच में रन जड़े थे. जिसमें 14 छक्के और 29 चौके शामिल थे. इस मुकाबले में जो सबसे चौंकाने वाला रिकार्ड बना वो ये कि ब्रेडमैन ने महज़ तीन ओवर की 22 गेंदों में शतक जड़ दिया था. पहले ओवर में डॉन ने 6, 6, 4, 2, 4, 4, 6, 1 के साथ 33 रन जोड़े. दूसरे ओवर में 6, 4, 4, 6, 6, 4, 6, 4 के साथ 40 रन और तीसरे ओवर में 1, 6, 6, 1, 1, 4, 4, 6 की मदद से 27 रन आए जिसमें से दो रन वेंडल बेल ने बनाए थे.
आपको ये जान कर हैरानी होगी कि इस मैच में ब्रेडमैन ने मात्र 18 मिनट में शतक जड़ दिया था. ये मुकाबला कंक्रीट की पिच पर खेला गया था.
ब्रेडमैन को एवरेज किंग कहना ग़लत नहीं होगा
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ब्रेडमैन को अगर एवरेज किंग कहा जाए तो कहीं से गलत नहीं होगा. अंतरराष्ट्रीय हो या फिर फर्स्ट क्लास हर जगह इनकी ही बादशाहत है. डॉन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 52 टेस्ट मैच खेले जहां उन्होंने के औसत से कुल 6, रन बनाए थे। उनके नाम 29 शतक थे.
वो औसतन हर तीसरी पारी में एक शतक लगाते थे। वहीं फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डॉन ने मैचों में की औसत से 28, रन बनाए थे. जिसमें शतक शामिल हैं.
इंटरनेशनल क्रिकेट में ब्रैडमैन ने सर्वाधिक रन की पारी खेली है और फर्स्ट क्लास में रनों की. दोनों श्रेणियों में डॉन का औसत सबसे ज़्यादा है, आज तक कोई इसके आसपास भी नहीं जा पाया. डॉन एक अविश्वसनीय रिकार्ड बनाने से महज़ 4 रन पीछे रह गये.
अगर वो चार रन बना लेते तो उनकी औसत पूरे की होती. ये मैच उनका आख़िरी मैच था.
टेस्ट इतिहास का ये महानतम बल्लेबाज 14 अगस्त को ओवल के मैदान पर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एशेज़ सीरीज़ का अपना आखिरी टेस्ट खेलने उतरा. उस दिन सर ब्रेडमैन वो इतिहास रच सकते थे जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. हर किसी को विश्वास था कि आज वो इतिहास रच कर ही मैदान से लौटेंगे.
लेग स्पिनर एरिक होलिस बॉल फेंकने वाले थे. पहली गेंद डॉट गयी. हर तीसरी पारी में शतक लगाने का दम रखने वाले इस बल्लेबाज के लिए 4 रन कौन सी बड़ी बात थी.
मगर कहते हैं ना नियति ने पहले ही सब तय कर रखा होता है. फास्ट बॉलर तक की हवा टाइट कर देने वाले डॉन को दूसरी गेंद पर एरिक ने बोल्ड कर दिया. यहीं पर उनका इतिहास रचने का सपना टूट गया. भले ही ब्रेडमैन इंटरनेशनल क्रिकेट में का औसत हासिल करने से चूक गए, लेकिन शेफील्ड शील्ड में उनका औसत के पार है.
शेफील्ड शील्ड की 96 पारियों में उनका औसत है.
ब्रेडमैन के वो रिकार्ड, जो आज तक नहीं टूटे
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सर डॉन ब्रेडमैन का कोई एक रिकार्ड नहीं है जिसके लिए उन्हें याद किया जाए, बल्कि उन्होंने तो ऐसे कई रिकार्ड बनाए हैं जिसे आज तक नहीं तोड़ा जा सका. डॉन के नाम 5 मैचों की एक टेस्ट सीरिज़ में सबसे ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है, जिसे आजतक कोई नहीं तोड़ पाया है.
इसके अलावा ब्रेडमैन एक ही दिन में तिहरा शतक () बनाने वाले इकलौते बल्लेबाज हैं. ब्रेडमैन ने अपने टेस्ट करियर में 12 दोहरे शतक लगाए.
Carleen beadle biography templatesआपको ये बात जान कर शायद हैरानी हो कि की औसत से ढेरों रन और इतने शतक, दोहरे शतक बनाने वाले ब्रेडमैन ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में केवल 6 छक्के ही लगाए हैं. वहीं इनके द्वारा लगाए गये चौकों की संख्या है. ब्रेडमैन द्वारा लगाए गए 12 दोहरे शतकों का रिकार्ड आज भी कायम है. कोई अन्य खिलाड़ी इस रिकार्ड को तोड़ नहीं पाया.
कुमार संगरकार इस रिकार्ड के सबसे नज़दीक पहुंचे थे.उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 11 दोहरे शतक जड़े हैं. वहीं विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर ने दोहरे शतक लगाए हैं.
डॉन ब्रेडमैन की प्रसिद्धि का स्तर कितना ऊंचा है ये जानने के लिए आपको उनसे जुड़ी कुछ बातें जान लेनी चाहिए. 24 फरवरी को इटली के माउंट कैसिनो पर हमला होना था. जानते हैं इसके लिए सिगनल क्या रखा गया था?
सिग्नल था ब्रेडमैन कल बैटिंग करेगा. लेकिन फिर मौसम खराब हो गया और हमला स्थगित कर दिया गया.
फिर से कोड भेजा गया ब्रेडमैन बैटिंग नहीं करेगा. नेल्सन मंडेला जब 27 साल की सज़ा काट कर जेल से बाहर आए तो उनका पहला सवाल था "क्या डॉन ब्रेडमैन अभी भी ज़िंदा हैं ?" भारत में काठियावाड़ और महाराष्ट्र के बीच एक रणजी मैच चल रहा था.
इस मैच में काठियावाड़ की टीम बीच में ही मैच छोड़ कर अपने घर लौट गई. उनके ऐसा करने कारण थे महाराष्ट्र के एक बल्लेबाज भाऊसाहेब निम्बाल्कर. दरअसल निम्बाल्कर ने अपनी एक पारी में रन बना लिए थे. काठियावाड़ टीम को लगा कि रन बना कर वह सर डॉन का रिकार्ड तोड़ देंगे इसलिए उन्होंने हार मान ली. बाद में डॉन ने व्यक्तिगत रूप से निम्बाल्कर को एक नोट लिख पर भेजा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि निम्बाल्कर की पारी उनसे बेहतर थी.
आस्ट्रेलियन ब्रोडकास्टिंग कॉरपोरेशन द्वारा आस्ट्रेलिया के हर कैपिटल शहर का पोस्टल कोड रखा गया है. ये एक तरह से सर ब्रेडमैन को दी गई श्रद्धांजलि है. ये नंबर उनकी औसत पर दिया गया है.
मौत से कई सालों पहले उड़ी थी मौत की खबर
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आस्ट्रेलिया के एक अखबार कूकटाउन इंडिपैंडेंट के हिसाब से सर डॉन ब्रेडमैन में ही चल बसे थे.
9 दिसंबर को इस अखबार ने एक स्टोरी छापी थी जिसमें लिखा था कि महान बल्लेबाज डॉन ब्रेडमैन का पेचिस के कारण निधन हो गया. उन दिनों ब्रेडमैन सच में पेचिस से परेशान थे लेकिन उनका इलाज हुआ और वो ठीक हो गये तथा इसके बाद कई साल तक क्रिकेट खेलते रहे. डॉन के हिसाब से उनकी सबसे लंबी पार्टनशिप चली उनकी बीवी जेसी मेनजिस के साथ. जेसी और डॉन बोवरल पब्लिक स्कूल से एक दूसरे को जानते थे.
दोनों ने शादी की और आखिर तक साथ रहे. सितंबर में जेसी का निधन हो गया.
आखिरकार 25 फरवरी को क्रिकेट के इस सबसे चमकीले सितारे ने दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकी इच्छा के मुताबिक में उनके पसंदीदा एडीलेड मैदान में एक संग्रहालय खोला गया. भीतर पैर रखते ही ये संग्रहालय आपको इतिहास में खींच ले जाता है, क्योंकि यहां सिर्फ वो सामान हैं जिसे ब्रेडमैन से तक इस्तेमाल करते थे.
भले ही आज वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके बनाए हुए रिकार्ड हमेशा उन्हें क्रिकेट प्रेमियों के मन में ज़िंदा रखेंगे.